बुन्देली कला एवं संस्कृति को समर्पित बुन्देली उत्सव के सांध्यकालीन कार्यक्रमों का आगाज हो चुका है। बीती शाम पर्यटक ग्राम के राव बहादुर सिंह स्टेडियम में लोकनृत्यों एवं लोक गायनों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मप्र शासन के वाणिज्यकर मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर रहे तो वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह राहुल भैया उपस्थित रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद श्री राठौर ने बुन्देली विरासत को संरक्षित करने के लिए आयोजित इस महोत्सव की जमकर सराहना की।
श्री राठौर ने कहा कि मैं बुन्देली विकास संस्थान के सभी पदाधिकारियों और इसके संरक्षक पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह मुन्नाराजा को बधाई देता हूं कि उन्होंने 24 वर्षों की कड़ी तपस्या के साथ इस आयोजन को सफलता की ऊंचाई तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनेक आयेाजन होते हैं लेकिन अपनी कला और संस्कृति को सहेजने के लिए जो दृढ़ संकल्प इस आयोजन में दिखता है वह कहीं नहीं दिखता। उन्होंने कहा कि यह आयोजन इस छोटे से ग्राम बसारी और इसके आसपास रहने वाले लोगों को बड़े अवसर उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन को सरकार भरपूर सहयोग करेगी। उन्होंने मप्र सरकार की नीतियों पर चर्चा करते हुए बताया कि कमलनाथ सरकार ने तय किया है कि बुन्देलखण्ड में पर्यटन के विकास की संभावनाओं को खोजा जाए और हम अपनी कला को पर्यटकों के सामने पहुंचा पाएं। इसी क्रम में सरकार नमस्ते ओरछा, खजुराहो महोत्सव जैसे आयोजन को भरपूर सहयोग देगी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय सिंह राहुल ने कहा कि यह आयोजन 15 वर्षों तक रही भाजपा सरकार के कारण बिना शासकीय मदद के विपरीत परिस्थितियों से जूझता रहा। उन्होंने मंत्री बृजेन्द्र सिंह से आग्रह किया कि वे इस आयोजन को शासन का सहयोग दिलाएं ताकि प्रतिभाओं को अवसर मिलते रहें। कार्यक्रम में कृषि उपज मण्डी के पूर्व अध्यक्ष डीलमणि ङ्क्षसह बब्बूराजा, कांग्रेस के प्रदेश सचिव गगन यादव सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे। वहीं देवेन्द्र प्रताप सिंह दिल्लू राजा एवं सिद्धार्थशंकर बुन्देला ने अतिथियों का बैच लगाकर स्वागत किया।
ऐसी माटी न भारत के कोनऊ खण्ड में जनम दईयो विधाता बुन्देलखण्ड में
अतिथियों के संबोधन उपरांत मंच पर सांस्कृतिक काय्रक्रमों की प्रस्तुतियां हुईं जिनमें लोक गायन गारी, कहरवा, ख्याल, दादरा की प्रस्तुतियां दी गईं तो वहीं दिवारी, बधाई और कछियाई जैसे लोकनृत्य भी हुए। कलाकारों ने मंच से बुन्देलखण्ड की महिमा का बखान करते हुए कहा कि ऐसी माटी न भारत के कोनऊ खण्ड में जनम दईयो विधाता बुन्देलखण्ड में। मंच पर बधाई और नोरता की प्रस्तुति स्वर्ण बुन्देल गु्रप छतरपुर के द्वारा दी गई। इसी तरह दादरा की चार टीमों में करन सिंह यादव निवाड़ी, रेखा सरगम पनवाड़ी, दशरथ हसमुख छतरपुर एवं कालीचरण अनुरागी बसारी ने गीत प्रस्तुत किए। गारी गायन की टीमों में मथीबाई एवं सखियां बसारी, कंदू रैकवार बसारी, बेबीराजा बसारी, मालती कुशवाहा बसारी एवं रेखा सरगम पनवाड़ी ने अपनी प्रस्तुति दी। दिवारी में उर्दमऊ से आयी महेश कुशवाहा पार्टी एवं बसारी की टीमों ने धूम मचाई तो वहीं बुन्देली कीर्तन में बसारी के आशीष चौबे, पलेरा के प्रमोद राजपूत, करन सिंह यादव निवाड़ी ने सबको भक्तिभाव से जोड़ा। बनरे गायन में दमोह के चौधरी रामलाल, बसारी के कंदू रैकवार, टीकमगढ़ की मेघा यादव व बसारी की मथीबाई ने प्रस्तुति दी। कहरबा में बलवीर सिंह यादव निवाड़ी, प्रमोद राजपूत पलेरा, बेबीराजा बमीठा। ख्याल में कालीचरन अनुरागी और दशरथ हसमुख ने अपनी प्रस्तुति दी। कछियाई में राजारंक कुशवाहा टीम महोबा एवं अहिरवारी बैठक में श्यामरीपुरवा की टीम ने श्रोताओं और दर्शकों को खूब लुभाया।
डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव और उमाशंकर खरे हुए सम्मानित
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बुन्देलखण्ड के इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए दीवान प्रतिपाल सिंह बुन्देली स्मृति सम्मान से सागर विश्वविद्यालय में पदस्थ इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया तो वहीं बुन्देली लोक साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए उमाशंकर खरे पृथ्वीपुर को राव बहादुर सिंह बुन्देला स्मृति सम्मान से नवाजा गया।
रस्साकसी और गिल्ली डण्डा के खेलों ने याद दिलाया बचपन
बुन्देली उत्सव के छठवें दिन श्ुाक्रवार को राव बहादुर ङ्क्षसह स्टेडियम में बुन्देलखण्ड के दो प्रमुख खेलों का आयोजन हुआ। रस्साकसी महिला वर्ग में बसारी के अनुसूचित जाति मोहल्ले की टीम ने यादव मोहल्ले की टीम को परास्त किया। इसी तरह पुरूष वर्ग में भवानीपुरा और पीएनसी के बीच हुए फाइनल के बीच हुए फाइनल मुकाबले में पीएनसी की टीम विजेता रही। वहीं मैदान पर गिल्ली डण्डे के रोमांचक कार्यक्रम भी हुए जिसे देखकर लोगों ने अपना बचपन याद किया।