बुन्देली उत्सव कार्यक्रम
बधाई, नोरता, आल्हा, बिलवारी, कछियाई, अहिरवारी बैठक, दिवारी, दलदलघोड़ी नृत्य, गो
फोटो गैलरी
बुन्देली कला,कबड्डी ,बुन्देली सिनेमा, बधाई, नोरता, आल्हा, बिलवारी, कछियाई, अहि
बुंदेली पत्रिका
बुंदेलखंड की लोक सांस्कृतिक, साहित्यक, व इतिहास की शोधात्मक सामग्री
बुंदेली विकास संस्थान को दी गई सहयोग राशि आयकर की धारा 80G एवम 12A के अंतर्गत नियमनुसार कर मुक्त रहेगी
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करोना महामारी के कारण बुन्देली उत्सव 2021 स्थगित
प्रकाशनार्थ करोना महामारी के कारण बुन्देली उत्सव 2021 स्थ
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नगडिय़ा की थाप और बुन्देली गीतों पर झूमी राई नृत्यांगनाएं
बुन्देली उत्सव की आखिरी शाम सम्मानित हुईं विभूतियां यह
फोटो गैलरी
बुंदेली विकास संस्थान प्रबंधन सोसायटी
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शंकर प्रताप सिंह बुंदेला "मुन्ना राजा "
संरक्षक
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आदित्य शंकर बुंदेला
अध्यक्ष
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लखन दुबे
कोषाध्यक्ष
बुन्देली उत्सव – बुंदेलखंड लोक संस्कृति पर्व
बसंत ऋतू के आस पास बुंदेलखंड इलाके में बुन्देली सांस्कृतिक के रंग घरों से निकल कर मंचों पर बिखरने लगते हैं । आधुनिकता की दौड़ में और हम कहीं ना कही अपने सांस्कृतिक मूल्यों ,परम्पराओं और तो और भाषा को ही भूलते जा रहे हैं । लोकसंस्कृति को बचाने और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से अवगत कराने के लिए छतरपुर जिले के एक छोटे से गाँव बसारी में पिछले २० साल से बुन्देली उत्सव होता आ रहा है । बगैर किसी राजकीय सहयोग के सिर्फ लोगों के आर्थिक सहयोग से होने वाला यह आयोजन भी दरअसल राजनैतिक दुराग्रहों का शिकार है ।२१ वे बुन्देली उत्सव के आयोजन के दौरान १७ फरवरी से २१ फरवरी तक यह गाँव उल्लास और उमंग से सराबोर रहा । ऐसा भी नहीं है की बुन्देली लोकसंस्कृति पर आयोजन सिर्फ इसी गाँव में होते हो , ऐसे आयोजन पन्ना , दमोह , टीकमगढ़ जिले में भी होते हैं ।
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