छतरपुर। बुंदेलखंड के इकलौते पर्यटक ग्राम बसारी में इस बार 22वें बुंदेली उत्सव का शुभारंभ 17 फरवरी को होगा। पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में इस बार कई बड़े आकर्षण जोड़े गए हैं। रविवार को बुंदेली विकास संस्थान ने प्रेस कांफ्रेंस में इस बार के आयोजन की मीडिया को विस्तार से जानकारी दी। बुंदेली उत्सव के संरक्षक शंकर प्रताप सिंह बुंदेला मुन्ना राजा ने बताया कि इस बार परंपरा अनुसार पूरे उत्साह के साथ 17 फरवरी को दोपहर 12 बजे पर्यटक ग्राम बसारी के स्टेडियम में उत्सव का शुभारंभ होगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में सूखा के कारण तालाबों में पानी नहीं है। इसलिए इस बार परंपरागत नौक दौड़ का आयोजन नहीं करा रहे हैं। बाकी सभी आयोजन यथावत होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल से बुंदेली उत्सव में टपरा टॉकीज का भी नया आयाम जोड़ा गया है। जिसमें बुंदेली फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। पिछले साल यहां 23 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया था। इस मौके पर उत्सव के सहयोगी खजुराहो मिनरल्स से आलोक चतुर्वेदी पज्जन, कांग्रेस जिला अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, मो. करीम, सिद्धार्थ शंकर बुंदेला, प्रभात अग्रवाल, लखन दुबे, चौबे चौधरी सहित अनेक लोग मौजूद थे। संचालन डॉ. बहादुर सिंह परमार ने किया।
यह होंगे खास आयोजन :
17 फरवरी को बुंदेली उत्सव के पहले दिन रंगोली, लोक चित्रकारी, बुंदेली आधारित बच्चों की प्रस्तुति, दंगल, कबड्डी, चौपड़ एवं गिल्ली डंडा की प्रतियोगिता होंगी।
18 फरवरी को सुबह 8 बजे से बुंदेली खेल कबड्डी, चौपड़, गिल्ली डंडा खेलों के आयोजन होंगे। दोपहर 12 बजे से बुंदेली सिनेमा का प्रर्दान होगा। शाम 4 बजे से रस्साकसी प्रतियोगिता होगी।
19 फरवरी को सुबह 8 बजे कबड्डी का फायनल मैच होगा। सुबह 11 बजे से बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता होगी। इसी दिन शाम 7.30 बजे से बधाई, कछियाई, दिवारी, बुंदेली पोशाक, अहिरयाई बैठक, बुंदेली कीर्तन, कहरवा गारी, बनरे, लमटेरा, सैर, ख्याल, ददरा की प्रतियोगिता होंगी।
20 फरवरी को सुबह 10 बजे से अश्व नृत्य प्रतियोगिता होगी। दोपहर 3 बजे से बुंदेली व्यंजन प्रतियोगिता होगी। शाम 7 बजे से मंचीय कार्यक्रम में दल-दल घोड़ी, बहुरूपिया, गोटें, कार्तिक गीत, आल्हा, बिलवारी, कांडऱा, रावला, सोहरे, ढिमरवाई, अलगोजा की प्रस्तुतियां होंगी।
21 फरवरी को बुंदेली उत्सव के अंतिम दिन सुबह निशानेबाजी की प्रतियेागिता होगी। शाम 7.30 बजे से फाग और बुंदेली लोकनृत्य राई की प्रस्तुति के साथ महोत्सव का समापन होगा।
नौ लोगों को दिए जाएंगे सम्मान :
बुंदेली उत्सव में हर साल दिए जाने वाले सम्मानों के लिए नाम तय करने के बाद ज्यूरी ने सूची जारी कर दी है। ज्यूरी के सदस्य डॉ. बहादुर सिंह परमार ने साहित्यकार सुरेंद्र शर्मा शिरीष के हवाले से बताया कि इस बार 22 वे बुंदेली उत्सव के मंच से नौ लोग सम्मानित किए जाएंगे। इनमें बुंदेली लोक साहित्य की सर्जना के लिए डॉ. सुरेश पराग देवेंद्रनगर पन्ना को, बुंदेली साहित्य आलोचना के लिए डॉ. वीरेंद्र निर्झर महोबा को और बुंदेली संस्कृति व भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए डॉ. सुरेंद्र दुबे कुलपति बुंदेलखंड विवि झांसी को अलग-अलग राव बहादुर सिंह बुंदेला सम्मान २००१८ दिया जाएगा। इसी तरह बुंदेलखंड के इतिहास के लिए इंदौर में रहने वाली महोबा निवासी डॉ. सुधा चौहान को दीवान प्रतिपाल सिंह सम्मान २०१८ दिया जाएगा। बुंदेली लोककला, लोकनृत्य राई को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सागर के डॉ. रामसहाय पांडे को डॉ. नर्मदाप्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान २०१८ दिया जाएगा। प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में वेदप्रकाश चतुर्वेदी और इलैक्ट्रानिंक मीडिया से नरेंद्र सिंह परमार को पं. हरिराम मिश्रा सम्मान दिया जाएगा। बुंदेली उत्सव में उत्कृष्ट संचालन के लिए गौरिहार महाराजा प्रताप सिंह स्मृति सम्मान जगदीश गंगेले ढड़ारी को और बघेली लोक साहित्य की रचनात्मकता के लिए देवीशरण ग्रामीण नागौद को स्व. हरगोविंद हेमल स्मृति सम्मान २०१८ दिया जाएगा।
बुंदेली बसंत यूजीसी की शोध पत्रिका सूची में शामिल :
बुंदेली उत्सव के नाम इस बार एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नईदिल्ली ने पिछले साल २०१७ में अनिमान्य सूची में बुंदेली बसंत पत्रिका को शामिल किया है। यूजीस ने अपनी बेवसाइट पर दी गई रिसर्च जनरल की सूची में बुंदेली बसंत स्मारिका को शोध पत्रिका की सूची के तौर पर शामिल किया है। बुंदेलखंड के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।