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24वां बुन्देली उत्सव 2020 : पांचवां दिन

Bundeli Utsav events Notices

जब आंधी की रफ्तार से दौड़ीं बैलगाडिय़ां, रोमांचित हुए दर्शक कल्लू यादव ने मारी बाजी,

व्यंजन में रूचि अग्रवाल बनी विजेता

पर्यटक ग्राम बसारी में बुन्देली विकास संस्थान द्वारा कला, संस्कृति एवं बुन्देली खेलों, परंपराओं को समर्पित 24वें बुन्देली उत्सव के पांचवें दिन इस उत्सव की सबसे रोमांचक बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में छतरपुर जिले के लगभग एक दर्जन गांवों से आए बैलगाड़ी सवारों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान अपने हष्ठपुष्ट बैलों के साथ मैदान में उतरे बैलगाड़ी सवारों ने अपनी गति से सभी को रोमांचित कर दिया। इस प्रतियोगिता में ग्राम बंधियन निवासी कल्लू यादव प्रथम स्थान पर रहे। ग्राम तिलौहां निवासी अरविंद यादव द्वितीय स्थान पर रहे जबकि ग्राम खुडऩ निवासी कैलाश यादव तीसरे स्थान पर रहे।
बैलगाड़ी प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं को बुन्देली विकास संस्था के संरक्षक एवं पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह मुन्नाराजा के द्वारा शील्ड एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर देवेन्द्र प्रताप सिंह दिल्लू राजा सहित क्षेत्र के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस मौके पर पूर्व विधायक शंकर प्रताप सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैल कृषि के लिए सर्वाधिक उपयोगी पशु होते हैं। किन्तु ट्रेक्टर के आ जाने से किसानों ने बैलों को पालना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि बुन्देली उत्सव में इस प्रतियोगिता का उद्देश्य है कि लोग प्रतियोगिता के शौक में ही कम से कम गौवंश का पालन-पोषण करें। उन्होंने विजेताओं को अपनी ओर से शुभकामनाएं दीं। बैलगाड़ी प्रतियोगिता को देखने के लिए हजारों दर्शक यहां पहुंचे।

वहीं एक दिन पूर्व आयोजित की गई बुन्देली व्यंजन प्रतियोगिता के परिणाम भी पांचवें दिन घोषित किए गए। इन परिणामों के मुताबिक रूचि अग्रवाल प्रथम, श्रीमती ऊषा गुप्ता द्वितीय एवं कंचन अग्रवाल को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। इन प्रतिभागियों को भी मंच से सम्मानित किया गया।
लमटेरा, आल्हा और ढिमरयाई आज
बुन्देली उत्सव के अंतर्गत शुक्रवार को सांध्य कालीन कार्यक्रमों में नृत्य और गायन से जुड़े बुन्देली लोक कला की प्रस्तुति दी जाएगी। बसारी के राव बहादुर सिंह स्टेडियम में 21 फरवरी को शाम 7 बजे से लमटेरा गायन, दलदल घोड़ी, बहरूपिया, गोंटे, कार्तिक गीत, आल्हा, बिलवारी, कांडरा, रावला, सोहरे, ढिमरयाई नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी।