अपनी संस्कृति पर गर्व करेंगे तभी इसका विस्तार होगा

Bundeli Utsav events Notices

राजा बुन्देला
बीती शाम आयोजित लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में फिल्म जगत के जानेमाने अभिनेता राजा बुन्देला मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बुन्देली उत्सव पूर्व विधायक मुन्नाराजा के दृढ़ निश्चय का प्रतीक है। उन्होंने आप सबकी मदद से विपरीत परिस्थितियों के बावजूद इसको 24 वर्षों तक जीवित रखा। श्री बुन्देला ने कहा कि बुन्देलखण्ड के पास धन सम्पदा, कृषि, नदियां, तालाब सब कुछ है इसके बाद भी यह अभावग्रस्त क्यों है। उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि हम अपनी संस्कृति पर गर्व नहीं करते। पंजाबी और गुजराती अपनी संस्कृति को पूजते हैं और इसीलिए आज दुनिया भर में पंजाबियों और गुजरातियों का खान-पान, रहन-सहन और कला संस्कृति पहुंच चुकी है। हमारे पास भी एक मजबूत कला सम्पदा है। हमें भी इस तरह के आयोजन के माध्यम से अपनी कला संस्कृति पर गर्व करना चाहिए तभी इसका विस्तार दुनिया भर में होगा। उन्होंने कहा कि हम झांसी की रानी, आल्हा ऊदल, हरदौल और महाराजा छत्रसाल के वंशज हैं हमें जागना होगा तभी हम बुन्देलखण्ड का शौर्य दुनिया को बता पाएंगे। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों के द्वारा बुन्देली संस्कृति के क्षेत्र में डॉ. दयाराम वर्मा बैचेन श्यावरी मऊरानीपुर को राव बहादुर सिंह बुन्देला स्मृति सम्मान से नवाजा गया तो वहीं बुन्देली साहित्य में आलोचना के लिए डॉ. केबीएल पाण्डेय दतिया को राव बहादुर सिंह बुन्देला स्मृति सम्मान सौंपा गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बहादुर सिंह परमार, जगदीश गंगेले, डॉ. विष्णु अरजरिया आदि ने किया।